Ever since I grew, when I hold the pen in my hand; Mother felt glad & ecstatic. Said, " O' My Son, the pen is mightier than Sword, You can make wonders out of it". Never, she explained, what if I make mistake, how do ERASE it. I never wondered as well.
Even since, I land up in School, teacher said " O' My Son, my dear student, You have pen in your hand. You make future of Country, Your Countrymen, Your Family, Your school and Your's ". Though never explained, what if I go wrong; How do I ERASE to REWRITE.
None talked about ERASER, none believed ERASER nor they believer POWER of ERASER.
I would't have felt the power of ERASER, I wouldn't have felt the need of ERASER.
J'st when I lost everything,
J'st when I lost my dream,
J'st when I lost the faith,
J'st when I lost the love,
J'st when you strike me inside,
J'st when my good times strike me hard,
J'st when my tears go so fast,
J'st when I miss you so hard,
O' Almighty, J'st then I need an ERASER,
An Eraser to erase my 2009,
An Eraser to make me light,
An Eraser to feel me good & bright,
AN ERASER TO MAKE ME SMILE,
O' Almighty! I know you can't return my times,
You can't return my sweet CHIMES,
All I wish is an ERASER,
Lend me your ERASER,
Be my good ERASER......ERASER ERASER ERASER....
Wednesday, December 23, 2009
Sunday, December 20, 2009
यादों की बारात
माली बन बैठा एक गुलशन का ,
नित दिन सींचा करता इस गुलशन को,
तुम बनके के आये एक कलि,
तन में जागा एक उमंग,
मन भी हुआ अति प्रसन्न
मन की इस बगिया में खिली हर तरफ कलि,
चहु ओर थी ख़ुशी ही ख़ुशी,
मीठी थी तेरी वो वाणी ,
दिल जिसे चाहे सुनने को सदेव,
तुम भी खुश थे मेरे संग,
मैं भी खुश तेरे संग,
हवा का वो एक झोंका,
समय ने दिया हमें धोका,
छोड़ गए तुम मेरा साथ,
काट रहा समय की धार,
खोज रहा मन तुम्हें चहु ओर,
मिल जाओ तो पकड़ लूं जोर ,
मंदिर देखा मस्जिद देखा
नहीं नजर आये तुम किसी ओर,
बस पाया मन में अति शोर,
फिरता हूँ हर दिशा लेकर मन में शोर,
कहाँ जाऊं किसे बताऊँ ,
चाहूँ की मिटा दूं वो यादें,
चहुँ की भूल जाऊं वो बातें,
मुझ में इतनी हिम्मत नहीं ,
मुझ में इतनी शक्ति नहीं ,
कैसे मिटा दूं वो सारी यादें,
कैसे भूलूं वो सारी बातें ,
तुम तो हो मेरे मन का दर्पण,
कभी नज़र आ जाओ तो,
खुशियाँ फैलाती हो इस आँगन ,
लेकर तेरी यादों की सौगात,
वो सारी बातों की बारात,
तुम हो सिर्फ मेरी यादों की बारात........
नित दिन सींचा करता इस गुलशन को,
तुम बनके के आये एक कलि,
तन में जागा एक उमंग,
मन भी हुआ अति प्रसन्न
मन की इस बगिया में खिली हर तरफ कलि,
चहु ओर थी ख़ुशी ही ख़ुशी,
मीठी थी तेरी वो वाणी ,
दिल जिसे चाहे सुनने को सदेव,
तुम भी खुश थे मेरे संग,
मैं भी खुश तेरे संग,
हवा का वो एक झोंका,
समय ने दिया हमें धोका,
छोड़ गए तुम मेरा साथ,
काट रहा समय की धार,
खोज रहा मन तुम्हें चहु ओर,
मिल जाओ तो पकड़ लूं जोर ,
मंदिर देखा मस्जिद देखा
नहीं नजर आये तुम किसी ओर,
बस पाया मन में अति शोर,
फिरता हूँ हर दिशा लेकर मन में शोर,
कहाँ जाऊं किसे बताऊँ ,
चाहूँ की मिटा दूं वो यादें,
चहुँ की भूल जाऊं वो बातें,
मुझ में इतनी हिम्मत नहीं ,
मुझ में इतनी शक्ति नहीं ,
कैसे मिटा दूं वो सारी यादें,
कैसे भूलूं वो सारी बातें ,
तुम तो हो मेरे मन का दर्पण,
कभी नज़र आ जाओ तो,
खुशियाँ फैलाती हो इस आँगन ,
लेकर तेरी यादों की सौगात,
वो सारी बातों की बारात,
तुम हो सिर्फ मेरी यादों की बारात........
Wednesday, December 16, 2009
Can I depart ???
Just when I was playing,
Life’s going the easy way,
You came as lovely star,
Were so close but yet so far,
The words were soothing ,
The smile was pleasing ,
Life’s going the beautiful way,
Feeling your warmth every way,
Feeling you all the way,
Building dreams all the way.
Life’s going the beautiful way.
Somewhere I had a fear,
The life’s can’t be so dear,
Will loose you forever,
Was my fear , 'Oh' My Dear.
Just then life got shattered,
All the dreams got scattered,
My tears every way,
Yet Feeling you everyway.
Tried to forget you all the way,
Yet Feeling you everyway.
Life’s so different and life’s so apart,
I wonder, how to forget & amp; how to depart,
I wonder, Can I depart ????
Wednesday, December 2, 2009
हैरान सी ज़िन्दगी
अजब सी है ये दास्तान,
कहानी कुछ ऐसी .... ज़िन्दगी हर तरफ दिख रही है परेशान,
मूढ़ के पीछे देखूं,
तो हर तरफ है कुछ कोलाहल,
कुछ गुज़र गए और कुछ आने वालें हैं कल!
कुछ ऐसे कोलाहल,
की मन दोल जाये,
हस्त हुआ इंसान कुछ ही पल में रो जाये,
जो पाया था गुम हो गया,
जो कभी न सोचा वो हो गया,
पल में जीवन बदल गया,
पल में सब कुछ निकल गया,
अय ज़िन्दगी क्या मिला तुझे,
क्यूँ किया ऐसे,
हमने कभी न ऐसे सोचा था,
ना ही वो ऐसा था,
कितना और सहे हम?
कितने काटों से और गुज़रे हम,
ज़िन्दगी क्या ऐसे ही कट जाये?
साँसें क्या ऐसे ही रुक जाये?
है बस एक छोटा सा एहसास,
है बस दो बूँद की प्यास,
ज़िन्दगी तू इतना बता,
कब लौटाओगे मेरी वो साँसें,
वो अनमोल साँसें जिनमे थी कितनी प्यारी बातें,
कुछ ऐसी बातें जो बनाती हैं ज़िन्दगी को आसान,
कभी न सोचे हम, की ज़िन्दगी क्यूँ है हैरान...
पर हो तो तुम ज़िन्दगी.... हमेशा परेशान और हैरान.........
कहानी कुछ ऐसी .... ज़िन्दगी हर तरफ दिख रही है परेशान,
मूढ़ के पीछे देखूं,
तो हर तरफ है कुछ कोलाहल,
कुछ गुज़र गए और कुछ आने वालें हैं कल!
कुछ ऐसे कोलाहल,
की मन दोल जाये,
हस्त हुआ इंसान कुछ ही पल में रो जाये,
जो पाया था गुम हो गया,
जो कभी न सोचा वो हो गया,
पल में जीवन बदल गया,
पल में सब कुछ निकल गया,
अय ज़िन्दगी क्या मिला तुझे,
क्यूँ किया ऐसे,
हमने कभी न ऐसे सोचा था,
ना ही वो ऐसा था,
कितना और सहे हम?
कितने काटों से और गुज़रे हम,
ज़िन्दगी क्या ऐसे ही कट जाये?
साँसें क्या ऐसे ही रुक जाये?
है बस एक छोटा सा एहसास,
है बस दो बूँद की प्यास,
ज़िन्दगी तू इतना बता,
कब लौटाओगे मेरी वो साँसें,
वो अनमोल साँसें जिनमे थी कितनी प्यारी बातें,
कुछ ऐसी बातें जो बनाती हैं ज़िन्दगी को आसान,
कभी न सोचे हम, की ज़िन्दगी क्यूँ है हैरान...
पर हो तो तुम ज़िन्दगी.... हमेशा परेशान और हैरान.........
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