कैसे जुड़ गए मेरी साँसों से,
कैसे जुड़ गए मेरी आँखों से ,
मेरे मन की तुम एक परिंदा,
बसे रहो, सर्वदा ऐसी इक्षा,
कैसे जुड़ गए तुम मुझसे ,
स्वप्न का रिश्ता है तुझसे,
आसुओं की रिश्ता भी तुझसे,
मन की व्यथा भी तुम,
इन साँसों की कथा भी तुम,
होटों की मुस्कान भी तुम,
नयनों की गंगा भी तुम,
मन की तृष्णा भी तुम,
मेरी कृष्ण भी तुम,
इस जीवन की ज्योति भी तुम,
उस जीवन की चाहत भी तुम,
कैसे जुड़ गए तुम मुझसे.....
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