जीवन में कभी सोचा न था , न ही बन सकता था , मैं किसी का भक्त !
मेरी भक्ति असीम हैं,
पर इसमें शक्ति नहीं,
अश्रु हैं , पर मुस्कान नहीं,
चाहत है पर परिणाम नहीं,
तप है, पर फल नहीं !
ऐसी है मेरी भक्ति ......
माधव सी भक्ति है,
पर तुम माधव नहीं,
माधव सी शक्ति है ,
पर मैं माधव नहीं,
मेरी भक्ति की माधव भी तुम,
इस जीवन की श्रोत भी तुम,
उस जीवन की ज्योत भी तुम !
ऐसी है मेरी भक्ति ...........
कुछ सून्य सी है मेरी भक्ति,
सून्य से शुरू और सून्य पे अंत,
पर है तो ये मेरी भक्ति,
मैं तो तेरा एक भक्त,
इस काल से उस काल तक ,
सर्वदा तेरा ही भक्त............................
इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर आकर कुछ तसल्ली हुई.ठीक लिखते हो. सफ़र जारी रखें.पूरी तबीयत के साथ लिखते रहें.टिप्पणियों का इन्तजार नहीं करें.वे आयेगी तो अच्छा है.नहीं भी आये तो क्या.हमारा लिखा कभी तो रंग लाएगा. वैसे भी साहित्य अपने मन की खुशी के लिए भी होता रहा है.
ReplyDeleteचलता हु.फिर आउंगा.और ब्लोगों का भी सफ़र करके अपनी राय देते रहेंगे तो लोग आपको भी पढ़ते रहेंगे.
सादर,
माणिक
आकाशवाणी ,स्पिक मैके और अध्यापन से सीधा जुड़ाव साथ ही कई गैर सरकारी मंचों से अनौपचारिक जुड़ाव
http://apnimaati.blogspot.com
अपने ब्लॉग / वेबसाइट का मुफ्त में पंजीकरण हेतु यहाँ सफ़र करिएगा.
www.apnimaati.feedcluster.com
thank you all....
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें