Thursday, October 14, 2010

सून्य सून्य बन के घुल जाऊं

ये कैसी है विडम्बना,
 अक्सर मैंने चाहा सून्य हो दूर,
पूर्ण विराम की चाहत नहीं,
  और जीवन मरण से रहूँ अति दूर,

तुम आये मेरे जीवन में,
        माधव की चाहत लेकर,
माधवता को कुछ ऐसे घोला,
         चहु ओर प्रतीत हुआ सून्य का मेला,

तुझसे जुड़ा कुछ ऐसे,
       मन में हुई अति कोलाहल,
जीवन थमी और लगी सून्य सी,
       सून्य सून्य में ग़ुम हुआ मैं पल अति पल,
 सून्य को पाऊँ , 
       सून्य को चाहूं,
सून्य सून्य से जुड़ा मेरा कल कल ,

अश्रु बहे सून्य की ओर ,
       नयन खोजे तुन्हें चहु ओर,
 मन की व्यथा कुछ ऐसी ,
       सून्य को चाहे कुछ ऐसी,

जीवन का पूर्ण विराम तो सून्य ,
           जीवन की प्रारंभ भी सून्य ,
फिर क्यूँ न मैं चाहूं सून्य,
             क्यूँ न मैं पाऊँ सून्य,
मैं मिल जाऊं सून्य में,
                 तुझमें कुछ ऐसे घुल जाऊं ........
सून्य बन के घुल जाऊं तुझ में ,
 
 जीवन के इस रहस्य को प्रणाम,
    सून्य की सत्य को प्रणाम ......................

Thursday, September 9, 2010

दास्ताँ पल पल की

 ज़िन्दगी इधर भी है,
  ज़िन्दगी उधर भी,
पल पल की  दास्ताँ उधर भी,
  कुछ छोटे पल की दास्ताँ इधर भी

तुम जो कह गए,
 खुदा ने सुना,
तुम जो मांग गए,
   खुदा ने सुना,

हमने तो बस पल ही देखा,
  पल पल ही समेटा,
खुद को मालूम नहीं किस पल से जुड़े हुए ,
  तुझसे कुछ ऐसे जुड़े की,
हाथों ने तुझे खुदा बनाया,
  उस पल को सोचते जिस पल को तुझे खुदा बनाया,

हम तो उस पल के राही,
  जिस पल में तुम कुछ दे जाओ,
इन आँखों को उस पल की तलाश,
   जिस पल के लिए तुझे खुदा ने बनाया......

दास्ताँ बस पल पल की .... इस पल से उस पल तक की.......

Monday, May 24, 2010

भक्ति के रंग


एक बार ज़िन्दगी रू बरू आ गयी,
     चलते हुए पुचा, 
कौन हो तुम, 
     कहाँ जा रहे हो ,
इन आँखों में क्या ,
    इन  होटों पे क्या ,
तुम्हारे हाथों में क्या , 
   मेरे संग चलो, 
मुझसे क्यों हो  जुदा .....




मुस्कराते हुए मैंने कहा, 
  तुझसे नहीं कोई शिकवा ,
माधव को मैं खोज रहा, 
  न जाने कब से खोज रहा, 
मीरा की भक्ति समटे हुए ,
  राधा की शक्ति समटे हुए ,
जीवन की सोम्यता  लिए हुए,
  कबसे माधव को खोज रहा ............


माधव तुम कब आओगे,
  एक जीवन ने मेरे जीवन को दिया एक रंग,
नहीं जानता क्या है वो रंग,
   कितनी सुन्दर है वो रंग, 
रंग रंग से भरा मेरा अंग,
    रंग रंग से भरा मेरा मन, 
जीवन के इस रूप में तुम आ ही गए, 
  मुझ में तुम समां ही गए ....................................


तुमसे दूर जा न सकूं, 
   मुझसे दूर तुम जा न सको ,
माधव कुछ ऐसा करो ,
 मैं जीवन से दूर जा न सकूं,
  और जीवन दूर न जा सके ,
तुझमें मैं लीन हो जाऊं ,
  और माधव तुम मुझ में .......................

Monday, April 5, 2010

You Just Don't Weep.......



Dont just creep and weep,
You alive there and You dont sleep,


You are thousand winds that blow,
You are that diamond shine on snow,
You are the morning light on flowers,
Your are the life that always showers,
For some you are the stars of night, 
For them you bring starlight in Night.

Just don't creep and Weep,
You alive there and You dont need to sleep.


Monday, March 29, 2010

What's you for me !!!!!

Music I heard with you was more than music,
And bread i broke with you was more than bread,
Now that I am without you all is desolate,
And what was once so beautiful is dead....

Sunday, March 28, 2010

मेरी भक्ति ........

जीवन में कभी सोचा न था , न ही बन सकता था , मैं किसी का भक्त !

मेरी भक्ति असीम हैं,
 पर इसमें शक्ति नहीं,
अश्रु हैं , पर मुस्कान नहीं,
चाहत है पर परिणाम नहीं,
 तप है, पर फल नहीं !


ऐसी है मेरी भक्ति ......


माधव सी भक्ति है,
 पर तुम माधव नहीं,
माधव सी शक्ति है ,
  पर मैं माधव नहीं,


मेरी भक्ति की माधव भी तुम,
 इस जीवन की श्रोत भी तुम,
उस जीवन की ज्योत भी तुम !


ऐसी है मेरी भक्ति ...........


कुछ सून्य सी है मेरी भक्ति,
  सून्य से शुरू  और सून्य पे अंत,
पर है तो ये मेरी भक्ति, 
    मैं तो तेरा एक भक्त, 
 इस काल से उस काल तक ,
    सर्वदा तेरा ही भक्त............................





Wednesday, March 10, 2010

कैसे जुड़ गए तुम मुझसे

कैसे जुड़ गए मेरी साँसों से,
कैसे जुड़ गए मेरी आँखों से ,
मेरे मन की तुम एक परिंदा,
बसे रहो, सर्वदा ऐसी इक्षा,

कैसे जुड़ गए तुम मुझसे ,


स्वप्न का रिश्ता है तुझसे,
आसुओं की रिश्ता भी तुझसे,
मन की व्यथा भी तुम,
इन साँसों की कथा भी तुम,
होटों की मुस्कान भी तुम,
नयनों की गंगा भी तुम,
मन की तृष्णा भी तुम,
मेरी कृष्ण भी तुम,
इस जीवन की ज्योति भी तुम,
उस जीवन की चाहत भी तुम,

कैसे जुड़ गए तुम मुझसे.....

तुम एक तपस्या

कुछ अधूरे से खवाब,
कुछ बीते हुए कल,
वो कुछ सुनहरे पल,

कुछ अनसुनी सी बातें,
कुछ अनकही बातें,
वो जागी जागी सी रातें,
वो बहते अश्रुधार,

जुड़ गयी हो तुम इनसे,
 और ज़िन्दगी जुडी है तुमसें,
ये है मेरी जीवन की ताप,
तुम बस एक तपस्या ...............

Wednesday, March 3, 2010

My Dream


The Dream , Dreamt for you, remains to be Dream
Its just not a dream though,
Its just not ecstasy,
Its just not desire,

Its beyond the horizon of Dreams,
Its means more than sunshine,
Its More than Moonlight,
Its more than Life to me.

I just seek to understand from you, O ' dear, what Do I do now!!!

I Decided... beyond this dream, to dream again,
I decided to follow the dream,
To chase the dream,
To Realize the dream
 To say you one day,
O'Dear the dream was beautiful,
It was good to pursue,
Its joyous to realize, all for you,
While you just smile and keep the Dreams Alive in your eyes,
I pursue your Dream, I pursue till I Can Dream,
If not this Life, I pursue in Next,
While you just smile and keep Dreams Alive in your eyes...........

Friday, January 22, 2010

jaane tum kahan chale gaye ....

समय की बहती धार,
 रिश्तों को छु जातें हैं ,
कुछ रिश्ते छुट जातें हैं,
 कुछ मुड जातें हैं

एक पल था जब तुम हर पल साथ थे,
 एक आवाज़ और तुम मेरे पास थे,
खुदा भी इतना पास न था,
 तुम इतने मेरे पास थे,

समय ने सब बदल दिया,
 हवा ने मुख मोड़ लिया,
तुम तक मेरी नवाज़ न पहुंचें
 समय ने ऐसे कुछ कर दिया,

जाने तुम कहाँ चले गए,

जाने कहाँ ग़ुम हो गए तुम,
  जाने कहाँ चले गए तुम,
रूह हर पल  याद करती तुम्हें,
 उन लम्हों को पकडे हुए हैं हम ,

जाने तुम कहाँ चले गए,

इन लम्हों ने दिए कई ग़म,
 पल पल अश्रु बहते,
अक्सर तुम्हारी राहें ताकते,
  
कैसे समझाऊँ इनको,
 क्या बताऊँ इनको,
तुम क्यूँ हो इतना दूर,
  क्या था इनका कसूर,

जाने तुम कहाँ चले गए

अक्सर तेरी याद आती है,
 अक्सर रूह तुम्हें बुलाती है,
उन लम्हों को पकड़ जी रहें हम,
  उन साँसों को पकड़ जी रहें हम,
लौट आओ ये दिल कह रहा है,
 एक पल आओ ये दिल कह रहा है,

जाने तुम कहाँ चले गए ......