Wednesday, March 10, 2010

तुम एक तपस्या

कुछ अधूरे से खवाब,
कुछ बीते हुए कल,
वो कुछ सुनहरे पल,

कुछ अनसुनी सी बातें,
कुछ अनकही बातें,
वो जागी जागी सी रातें,
वो बहते अश्रुधार,

जुड़ गयी हो तुम इनसे,
 और ज़िन्दगी जुडी है तुमसें,
ये है मेरी जीवन की ताप,
तुम बस एक तपस्या ...............

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